वनाग्नि की घटना प्रत्येक वर्ष होती हैं ,यह एक बेहद ही गंभीर विषय है जिसको लेकर वन विभाग सदैव ही तत्पर रहता है। वह लगातार प्रयास भी करता रहता है कि वनाग्नि की घटना ना घटित हो। वनाग्नि न केवल पर्यावरण को क्षति पहुंचाती है ,बल्कि जैव विविधता और जलवायु को भी गंभीर रूप से प्रभावित करती है।
प्रत्येक वर्ष कितने ही वन्यजीव वनाग्नि की भेंट चढ़ जाते हैं, जब यह अग्नि विकराल रूप लेती है तो इसकी चपेट में कई बार मानव भी आ जाता है।
वनग्नि पर काबू पाने के लिए वनकर्मी घायल, चोटिला होते ही रहते है पर कई बार तो वह कल का ग्रास तक बन जाते हैं। ऐसी घटनाओ को रोकने के लिए वन विभाग सदैव भी तत्पर रहता है।परंतु जनसहभागिता के बिना यहां पूर्णता सफल नहीं हो पता।
इसी क्रम में भागीरथी वृत्त के वन संरक्षक धर्म सिंह मीणा व उनकी टीम वनाग्नि नियंत्रण हेतु जब पोखल रेंज के वनों में पहुंची वहा पर उन्होंने पाया कि एगेव अमेरिकना राम वंश नामक एक पौधा भीषण आग की लपटों के सामने भी नहीं झुलसा इसके अलावा एक बेहतरीन अग्नि प्रतिरोधक के रूप में कार्य करता है ।
वन संरक्षक धर्म सिंह मीणा का मानना है कि यदि कृषि क्षेत्र के आसपास एगेव रोपण किया जाए तो निसंदेह यह अग्नि प्रतिरोधक के रूप में कार्य करेगा जिससे अप्रतिवंधित या अनजाने आग को आसपास फैलने से रोका जा सकता है साथ ही इस पौधे की जड़े व्यापक होती हैं इसकी बनावट कुछ ऐसी होती है कि भूस्खलन को भी रोकने में मददगार साबित होती है ,
और जानवरों को भी कृषि भूमि में नुकसान करने से रोकता है देखा जाए तो यदि इसका रोपण किया जाए तो यह वनाग्नि की घटनाओं को रोकने में बेहद कारगर साबित होगा।_