ट्रांसफर ,प्रमोशन की हड़बड़ी में जल जीवन मिशन के कार्यों में फिर से आ सकती है शिथिलता ?

राज्य सरकार द्वारा केंद्र सरकार के सम्मुख जल जीवन मिशन के कार्यों को नवंबर 2024 तक पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।  मुख्यमंत्री  तथा सचिव पेयजल द्वारा भी पेयजल के अधिकारियों को नवंबर 2024 तक निर्माण कार्यों को समय पर पूर्ण किए जाने के कड़े निर्देश लगातार निर्गत किए जा रहे हैं।

परंतु सरकार के आदेश निगम अधिकारियों के लिए हवा-हवाई साबित हो रहे है।

विदित है कि राज्य सरकार की स्थिति देश में जल जीवन मिशन के कार्यों के संबंध में अन्य राज्यो से बहुत पीछे है। पेयजल के अधिकारियों/कर्मचारियो को नवंबर 2024 से पूर्व योजनाओ के समस्त कार्य पूर्ण कर पेयजल योजनाओं का हर घर जल प्रमाणीकरण, योजनाओं की जियोटैगिंग, ग्राम सभा को योजना हस्तांतरण करना इत्यादि के अतिमहत्वपूर्ण कार्य करने है।

केंद्र तथा राज्य सरकार की अति महत्वाकांक्षी योजना को समय पर पूर्ण कराने में कनिष्ठ अभियंताओ का सबसे महत्वपूर्ण कर्तव्य/भूमिका है।

विगत वर्ष कनिष्ठ अभियंताओं के स्थानांतरण होने से योजनाओ के कार्य प्रभावित न हो जिसके मध्य नजर राज्य सरकार द्वारा विगत वर्ष स्थानांतरण सत्र को शून्य घोषित किया गया था। परिणाम स्वरूप योजनाओं के कार्यों में प्रगति देखी गई। परंतु पेयजल निगम के अधिकारियों को योजनाओं को सरकार के समय पर पूर्ण करने के निर्धारित लक्ष्य से कोई सरोकार ही नहीं है।
सूत्रों के अनुसार उत्तराखंड पेयजल निगम में वर्तमान में 30 कनिष्ठ अभियंताओ की सहायक अभियंता के पद पर पदोन्नति होने की कार्यवाही गतिमान है। पदोन्नतिया होने से पदोन्नत अभियंताओं द्वारा पेयजल योजना के चार्ज अन्य कनिष्ठ अभियांताओ को हस्तांतरण उपरांत ही पेयजल योजनाओं के निर्माण कार्य, हर घर जल प्रमाणीकरण इत्यादि के कार्य कराये जा सकेंगेl नए कनिष्ठ अभियंता द्वारा कार्य क्षेत्र/योजना को समझ कर कार्य करने में अपेक्षाकृत ज्यादा समय लगना/शिथिलता आना स्वाभाविक है।

वर्तमान में सहायक अभियंता के पद पर पदोन्नति की कोई आवश्यकता या बाध्यता पेयजल विभाग को नहीं है।
चयन वर्ष जून 2025 में समाप्त होना है इसलिए सितम्बर में या 2 माह पश्चात पदोन्नतियां होने से कनिष्ठ अभियंताओं को कोई हानि नहीं होनी है। जिस कारण उक्त पदोन्नतियां जल जीवन मिशन के कार्य 02 माह में पूर्ण करने के पश्चात करना पेयजल विभाग/राज्य सरकार के ही हित में होगा। पदोन्नतियां 02 माह पश्चात करने से जहां पेयजल योजनाओं के निर्माण कार्य समय पर पूर्ण हो सकेंगे वहीं कनिष्ठ अभियंताओं को पदोन्नति की हानि भी नहीं हो सकेगी।

निर्माण कार्यों के अंतिम समय में पेयजल निगम द्वारा इस प्रकार हडबड़ी में की गई पदोन्नतियों से जहां जल जीवन मिशन के निर्माण कार्यों, हर घर जल प्रमाणीकरण इत्यादि पर दुष्प्रभाव पढ़ना स्वाभाविक है वही दूसरी ओर आम जनता को पेयजल के लिए अभी ओर लम्बा इंतजार करना पड़ेगा।

 

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