पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार के अधिकारियों के साथ-साथ उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने भी प्रतिभाग किया।लंदन में शुरू हुए तीन दिवसीय विश्व पर्यटन बाजार (डब्ल्यूटीएम) में गुरुवार को पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार के साथ-साथ राज्य के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज की मौजूदगी में उत्तराखंड ने भी अपनी जोरदार उपस्थिति दर्ज कराई है। इस दौरान महाराज ने लंदन में भारत के उच्चायुक्त विक्रम कुमार दोराईस्वामी एवं केंद्रीय पर्यटन पर्यटन मंत्रालय की महानिदेशक मुग्धा सिन्हा की उपस्थिति में भारत मंडपम में बने “अतुल्य भारत” स्टॉल का शुभारंभ भी किया। भारत मंडपम में उत्तराखंड सहित देश के अनेक राज्यों की संस्कृति और पर्यटन को दर्शाते हुए अनेक स्टॉल लोगों के आकर्षण का केंद्र रहे।
इस अवसर पर बोलते हुए प्रदेश के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि भारत में आने वाले पर्यटकों के लिए ब्रिटेन दूसरा सबसे बड़ा स्रोत बाजार है। लगभग 19 लाख की बड़ी प्रवासी आबादी के साथ ब्रिटेन में सबसे ज्यादा भारतीय प्रवासी रहते हैं। भारत की जीवंत सांस्कृतिक विविधता, पर्यटन उत्पादों और गहन अनुभवों को प्रदर्शित करने के लिए राज्य सरकारों, अंतर्गामी टूर ऑपरेटरों, एयरलाइंस, भारतीय पर्यटन उद्योग के होटल व्यावसायियों सहित लगभग 50 हितधारकों के प्रतिनिधिमंडल के साथ विश्व पर्यटन बाजार, लंदन में भाग ले रहा है। यह पहल देश के भीतरी पर्यटन को बढ़ावा देने और देश को एक प्रमुख वैश्विक पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित करने के भारत के रणनीतिक लक्ष्य के अनुरूप है।महाराज ने कहा कि केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय के अलावा, राज्य पर्यटन विभाग, टूर ऑपरेटर, एयरलाइंस, सार्वजनिक उपक्रम आदि सहित कई अन्य हितधारक डब्ल्यूटीएम में बने भारत मंडप में भाग ले रहे हैं। इसके अलावा सह-प्रतिभागियों में उत्तराखंड, केंद्र शासित प्रदेश जम्मू एवं कश्मीर, पुदुचेरी, दादरा एवं नगर हवेली और दमन एवं दीव, टूर ऑपरेटर एवं गंतव्य प्रबंधन कंपनियां, एयरलाइन, रिसॉर्ट और आईआरसीटीसी शामिल हैं। गोवा, ओडिशा, केरल, तमिलनाडु, तेलंगाना, कर्नाटक, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के राज्य पर्यटन विभाग भी अपने विशिष्ट पर्यटन अनुभवों को प्रदर्शित करने और संभावित ग्राहकों तथा भागीदारों से जुड़ने के लिए इस विश्व पर्यटन बाजार में भाग ले रहे हैं।
प्रदेश के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘चलो इंडिया’ पहल शुरू की थी, जिसका उद्देश्य भारतीय प्रवासियों को अपने गैर-भारतीय मित्रों के बीच भारत का प्रचार करने के काम में शामिल करना था।