पेयजल निगम की मनमानी के विरुद्ध अभियंताओं में आक्रोश दिया विभाग को अल्टीमेट

उत्तराखंड पेयजल निगम और विवादों का तो कोई गहरा नाता प्रतीत होता है ,क्यूंकि

कुछ गंभीर विषयों पर उत्तराखंड पेयजल निगम ,नियम कायदों को बखूबी दरकिनार कर देने में माहिर है ही

अब पेयजल निगम के भीतरखाने

क्या खिचड़ी पक रही है ,इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है की, वर्ष 2004–5 में नियुक्त हुए कनिष्ठ अभियंताओ की वरिष्ठता सूची को निगम द्वारा 1978 की नियमावली के अनुरूप जारी नहीं किए जाने के लगातार आरोप लगते आ रहे है ,पर निगम तो आंखो पर पट्टी बांधे हुए है जिसको लेकर एसoसी एस oटी एंप्लॉयज एसोसिएशन द्वारा आशंका जताई गई है की,

विभाग द्वारा नियम विरुद्ध वरिष्ठता सूची तैयार कर अपात्र अभियंताओ को वरिष्ठता सूची का लाभ देकर पदोन्नत कर दिया जाएगा,

जिससे तमाम पात्र अभियंताओ के हित प्रभावित होंगे ।

हालांकि उक्त प्रकरण पर न्यायलय द्वारा वरिष्ठता सूची को फाइनल कर पदोन्नति नही किए जाने के आदेश दिनांक 06-09-2023 तथा दिनांक 25–9–23 को पारित किए गए,

जोकि वर्तमान तक प्रभावी है,

हालांकि उक्त आदेश के विरुद्ध अन्य अभियंताओं द्वारा उच्च न्यायालय का रुख किया गया जहा सुनवाई में उक्त आदेश में न्यायालय द्वारा पदोन्नति पर रोक के आदेश पर कोई निर्णय नहीं दिया है।

दूसरी ओर देखा जाए तो वर्तमान में पेयजल निगम में कुछ अभियंताओं द्वारा अपनी सेवा के साथ ही नियम कायदों को ठेंगा दिखाकर पुर्णकालीन डिग्री कर विभाग में पंजीकरण भी करा लिया है,

इस संबंध में अनेकों अभियंताओं ने पूर्णकालीन डिग्री का घोर विरोध कर इसे अमान्य किए जाने का बारंबार विभाग से अनुरोध किया ,पर मजाल है जो विभाग इस मामले का कोई संज्ञान ले,

तमाम प्रत्यावेदनो पर विभाग द्वारा कोई कार्यवाही नहीं किए जाने के चलते पूर्णकालीन डिग्री को अमान्य किए जाने हेतु, अभियंताओं द्वारा लोकसेवा अधिकरण में वाद दाखिल किया गया है,

जो वर्तमान में गतिमान है,

मिली जानकारी के अनुसार उत्तराखंड डिप्लोमा इंजीनियर संघ द्वारा माo न्यायालय के 25–9–23 का पदोन्नति पर रोक के पारित आदेश के विरुद्ध पदोन्नति तथा अन्य अभियंताओं द्वारा नियम विरुद्ध की गई पूर्णकालीन डिग्री को मान्य करवाकर एएमआईए कोटे से पदोन्नत की जाने हेतु विभाग तथा शासन को गुमराह कर अनावश्यक दबाव बनाने का प्रयास कर रहा है। सूत्रों के हवाले से उत्तराखंड डिप्लोमा इंजी संघ पेयजल निगम के दबाव में आकर विभाग पदोन्नति की कारवाई हेतु प्रक्रिया गतिमान है जोकि बिलकुल न्याय के विपरीत है,

 

साथ ही माo न्यायालय के आदेश की अवहेलना भी है।

जिसको लेकर एसoसी एसoटी एंप्लॉईज एसोसिएशन ने चेताया है ,की यादि विभाग दबाब में आकर नियमों का उल्लंघन कर सहायक अभियंता के पद पर पदोन्नति की कारवाई करता है तो इसे माo न्यायालय की अवमानना मानते हुए विभाग सहित संबंधित के विरुद्ध माo न्यायालय की अवमानना का वाद दाखिल किए जाने को चेताया गया है।

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