हरिद्वार।  धर्म संसद विवादित बयान मामले में जेल गए जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिजवी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं।  वसीम रिजवी को अभी जेल में ही रहना होगा।  दरअसल, जिला न्यायालय हरिद्वार की अदालत ने वसीम रिजवी की जमानत याचिका खारिज कर दी है। अब रिजवी के वकील सत्र हाईकोर्ट का दरवाज़ा खट खटायेगे। हरिद्वार धर्म संसद में भड़काऊ भाषण देने और पैगंबर मोहम्मद साहब पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिजवी के खिलाफ हरिद्वार शहर कोतवाली में 3 मुकदमे दर्ज हैं। एक मुकदमे में पुलिस आरोपी को 41 सीआरपीसी के तहत नोटिस भी जारी कर चुकी थी, लेकिन अपराध दोहराने पर एक दूसरे मुकदमे में बीते 13 जनवरी को नारसन बॉर्डर से वसीम रिजवी को गिरफ्तार कर लिया गया था।
उधर, हरिद्वार में हुई धर्म संसद में मुस्लिम महिलाओं पर अभद्र टिप्पणी करने के आरोप में जेल भेजे गए यति नरसिंहानंद की जमानत याचिका को भी 19 जनवरी यानी कल सीजेएम हरिद्वार की अदालत ने खारिज कर दी थी।  स्वामी यति नरसिंहानंद हरिद्वार में जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिजवी की गिरफ्तारी का विरोध कर रहे थे।  जिसके लिए वे एक और संत के साथ अनशन पर बैठे थे। उन्होंने अनशन खत्म कर सत्याग्रह शुरू किया था। जिसके बाद 15 जनवरी की रात को पुलिस ने स्वामी यति नरसिंहानंद गिरी को धरनास्थल से उठाया और गिरफ्तार किया गया। बता दें यति नरसिंहानंद पर हरिद्वार धर्म संसद हेट स्पीच के वीडियो वायरल होने पर लॉ की एक छात्रा रुचिका ने दर्ज करवाई थी। सोशल मीडिया में हरिद्वार धर्म संसद के वीडियो वायरल होने के बाद उनके साथ वसीम रिजवी पर मुकदमा दर्ज हुआ था। इस मामले में 13 जनवरी को वसीम रिजवी और जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी को गिरफ्तार किया है। जबकि, वसीम रिजवी की जमानत याचिका 15 जनवरी को सीजेएम हरिद्वार की अदालत में खारिज कर दी गई थी।

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