क्राइम स्टोरी न्यूज़ ऋषिकेश। रविवार को परमार्थ निकेतन में आयोजित ‘नारी संसद शक्ति महाकुम्भ के दूसरे दिन का आगाज केरल के राज्यपाल आरिफ मोहमम्द खान ने किया। उन्होंने कहा कि जो वस्तुयें हमें सुलभता से मिलती हैं, हम उनके प्रति उदासीन हो जाते हैं। हमारी मातृ शक्ति मां, बहन, पत्नी और बेटी के रूप में हमें मिली हैं, लिहाजा हम उनका महत्व नहीं समझते हैं। उनके द्वारा किये गये कार्यों को हम भूल जाते हैं। हमें मातृशक्ति का महत्व समझना चाहिए। शास्त्रों में बहुत ही सुन्दर शब्द है, सुमिरन। हमें भी नारियों के विषय में सुमिरन करने और कराने की जरूरत है। उन्होंने परोपकार के महत्व की भी व्याख्या करते हुये कहा कि उपकार करना ही पुण्य है और अत्याचार करना पाप है।
मेयर अनिता ममगाईं ने कहा कि गंगा मां और भारत माता मातृशक्ति का प्रतीक है। परमार्थ निकेतन वर्षों से ऋषिकेश और आसपास के स्लम एरिया में जाकर नारियों और बच्चों की शिक्षा और स्वास्थ्य के लिये अद्भुत कार्य कर रहा है, जो अनुकरणीय है। यही वास्वत में नारी संसद का प्रतीक भी है। इस अवसर पर परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती और साध्वी भगवती सरस्वती ने भी अपने विचार रखे।
