क्राईम स्टोरी न्यूज़ विकासनगर। स्थानीय लोगों ने कालसी से संचालित वन विभाग के कार्यालय को चकराता से संचालित करने की मांग की है। लोगों ने उपजिलाधिकारी के माध्यम से एक ज्ञापन मुख्यमंत्री को प्रेषित किया। कहा कि चकराता का दफ्तर चकराता से ही संचालित किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री को भेजे गए ज्ञापन में बताया कि पूर्व में सभी सरकारी कार्यालय छह माह चकराता और छह माह कालसी से संचालित होते थे। इसी प्रक्रिया के तहत लगभग ढाई दशक पूर्व वन विभाग का डीएफओ का कार्यालय छह माह के लिए कालसी स्थानांतरित किया गया था। जिसके बाद से आज तक चकराता लौट कर नहीं आया। कुछ समय पूर्व अधिकारियों ने शासन के दबाव में वन विभाग के विश्राम गृह के दो कमरों में कार्यालय शिफ्ट करने की औपचारिकता भी निभाई, लेकिन फिर भी कार्यालय का संचालन यहां से नहीं हुआ। ज्ञापन में आरोप लगाया कि अधिकारी अपनी सहूलियत के चलते कालसी से कार्यालय चकराता नहीं ला रहे हैं। जबकि अधिकतर वन संपदा चकराता के इर्द गिर्द ही है, जिसकी देखभाल कालसी से हो पाना संभव नहीं है। उनका कहना है कि अधिकारियों के कालसी में बैठने से वन माफिया जमकर तस्करी कर रहे हैं। क्षेत्र में कई जगह अवैध प्रकाष्ठ पकड़ा जा रहा है, लेकिन अधिकारी अपनी सहूलियत के चलते करोड़ों की वन संपदा का नुकसान कर रहे हैं। ग्रामीणों ने जल्द कार्यालय स्थानांतरित न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है। ज्ञापन भेजने वालों में जयवीर सिंह, सुरेश सिंह, इंद्र सिंह नेगी, संदीप चौहान, जयवीर सिंह, राजेंद्र सिंह, सतीश, राजपाल, आदि शामिल रहे।

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