गोपेश्वर –ग्रीष्म काल के आते ही फॉरेस्ट फायर की घटनाएं वन विभाग के समक्ष कड़ी चुनौतियां लेकर आती है,जिसपर वन विभाग बेहद ही तत्परता से कार्य भी करता है,वनग्नि जैसी घटनाओं के पीछे अहम जिम्मेदार शरारती तत्व ही होते है गोपेश्वर के कठुड गांव में घटित वनग्नि की घटना भी शरारती तत्वों द्वारा ही बतलाई जा रही है ।
जिसपर केदारनाथ वन्यजीव प्रभाग की तत्परता देखने को मिली जंगल की आग पर काबू पाने के लिए डीएफओ तरुण एस, वनकर्मियों के साथ आग बुझाने में जुट गए इस दौरान डीएफओ समेत वनकर्मियों को काफी मशक्कत करनी पड़ी फायर लाइन काटी गई ,लेकिन पहाड़ों पर बनाग्नि की घटनाओं पर काबू पाना बहुत मुश्किल व चुनौतीभरा होता है जिसमें आग बुझाने वालों पर पत्थर गिरने का भय बना रहता है,आग बुझाने के दौरान सरपंच का पैर फिसलने के कारण वह चोटिल हो गए ,बाद में उनका उपचार करवा कर उन्हें घर भेज दिया गया था , हालांकि इस बीच बारिश हुई जिसके चलते प्रभाग को राहत मिली ,