लुधियाना। ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने अपने कार्यालय के काम में महिला जनप्रतिनिधियों के रिश्तेदारों के हस्तक्षेप को रोकने की बात दोहराते हुए कहा कि किसी भी परिस्थिति में महिला सरपंच के पति या पंच / पुत्र या रिश्तेदार कार्यालय के काम में हस्तक्षेप नहीं करेंगे। कैबिनेट मंत्री धालीवाल ने ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग की ओर से गुरु नानक भवन में महिला सशक्तिकरण को लेकर आयोजित किये जा रहे तीसरे सेमिनार की अध्यक्षता करते हुए महिला सरपंचों से अपील की कि वे अपनी ड्यूटी में दूसरों को भागीदार न बनाएं। इसके साथ ही उन्होंने महिला सरपंचों से अपने गांवों में नशे के खिलाफ जंग छेड़ने और नशा तस्करों पर नकेल कस कर समाज को इस बीमारी से मुक्त कराने में अग्रणी योगदान देने की अपील की। उन्होंने कहा कि पंजाब में करीब 6500 पंचायतें सरपंच महिलाओं द्वारा चलाई जा रही हैं और अगर वे सब मिलकर नशे के खिलाफ अभियान चलाएंगे तो इस बीमारी पर सफलतापूर्वक काबू पाया जा सकता है। कैबिनेट मंत्री ने यह भी कहा कि वे दिन गए जब महिलाओं को घर से बाहर निकलने के लिए भी अनुमति की आवश्यकता होती थी। 21वीं सदी में महिलाएं हर क्षेत्र में अग्रणी भूमिका पूरी जिम्मेदारी से निभा रही हैं। उन्होंने कहा कि कोई भी समाज तब तक प्रगति नहीं कर सकता जब तक महिलाएं उसकी विकास नीतियों में पूरी तरह शामिल न हों।