क्राईम स्टोरी न्यूज़ लखनऊ। फर्जी अनुदान पत्र जारी कर सरकार को 46 करोड़ का पलीता लगाने वाले दोषी चिकित्सा विभाग के पूर्व क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डॉ. रमेश चंद्र शर्मा को सीबीआई कोर्ट के विशेष न्यायाधीश ने तीन साल की कैद और एक लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है। उच्च न्यायालय के 10 जुलाई 1996 के आदेश के बाद छह अगस्त 1996 को सीबीआई ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की थी। सीबीआई ने जांच में पाया कि डॉ. रमेश ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर बिना वास्तविक मांग और निविदा के बाजारी दरों की तुलना में अधिक दरों पर दवाइयां और चिकित्सा उपकरण खरीदे। इससे सरकार को नुकसान हुआ। यही नहीं, अतिरिक्त फर्जी अनुदान पत्र जारी किए और सरकारी धन का दुरुपयोग किया। सीबीआई ने जांच के बाद छह आरोपियों के विरुद्ध 14 जनवरी 1998 को आरोप पत्र दाखिल किया। सीबीआई ने एक आरोप पत्र और 33 पूरक आरोप पत्र दाखिल किए। अदालत ने इस मामले में डॉ. रमेश चंद्र शर्मा को दोषी ठहराया और उन्हें सजा सुनाई। वहां री सरकार 46 करोड़ का पलीता लगाने वाले आरोपी को मात्र 3 साल की सजा और एक लाख रुपए का जुर्माना?